३४१ टीचर होल्ड पर, प्राथमिक टीचर्स की नहीं हो पाई काउंसलिंग

- सितंबर के पहले सप्ताह तक इस संबंध में आदेश जारी हो सकते हैं
- प्रदेश में अब अतिथि शिक्षकों  की नौकरी पर खतरा!
ग्वालियर। शासन द्वारा किए गए थोक बंद तबादलों से मामूली वेतन पर रोजी रोटी चला रहे ५५० से अधिक अतिथि शिक्षकों की नौकरी पर खतरा मंडराने लगा है। शासन के निर्देशानुसार जिला स्तर से इन रिक्त पदों पर दीगर जिलों से आए होल्ड शिक्षकों की पदस्थापना करने की तैयारी कर ली गई है। सितंबर के पहले सप्ताह तक इस संबंध में आदेश जारी हो सकते हैं। होल्ड पर रखे गए टीचरों की पदस्थापना के लिए रविवार को काउंसलिंग होनी थी, लेकिन डीईओ की व्यस्तता के चलते कल तक के लिए टाल दी गई है। शिक्षण सत्र शुरू होने से पहले प्राइमरी से लेकर हायर सेकंडरी तक में शिक्षकों के रिक्त पदो के विरुद्ध जिले के सभी ७६ संकुलों में करीब ५५० से अधिक अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति कर ली गई थी। अतिथि शिक्षक अभी एक माह का वेतन ही ले पाए थे कि पोर्टल पर स्थान रिक्त दिखने के कारण करीब १५०० से अधिक शिक्षकों के तबादले दीगर जिलों से भिण्ड में कर दिए, जबकि भिण्ड से प्रदेश के दूसरे जिलों में जाने वालों की संख्या ११५० के आसपास ही रह गई। जिन स्कूलों के लिए तबादला किया गया है वहां पर पद रिक्त न होने से करीब ३४१ शिक्षकों को होल्ड पर डाल दिया गया है। प्राथमिक शालाओं में पहले से ही १२२ शिक्षक अतिशेष है। होल्ड के अलावा अतिशेष शिक्षकों की भी पदस्थापना किया जाना है, जो अतिथि शिक्षकों को बाहर का रास्ता दिखाए बिना संभव ही नहीं है। अधिकारियों की माने तो सिर्फ हाईस्कूल ओर हायर सेकंडरी स्कूलोंं में अतिथि शिक्षकों की नौकरी बच पाना संभव है। होल्ड पर रखे गए शिक्षकों की पसंद जानने के लिए गत दिनों मावि कॉटनजीन परिसर में काउंसलिंग बुलाई गई थी।
तीन शालाओं का विकल्प
शिक्षकों को संकुल में तीन शालाओं का विकल्प दिया गया है। इसके अलावा गंभीर बीमारी, विकलांगता, विधवा, तलाकशुदा को भी आधार बनाया जाएगा। दोपहर एक बजे ही सैकड़ों की संख्या में शिक्षक पहुंच गए थे, लेकिन डीईओ के लहार में व्यस्त हो जाने से प्राथमिक शिक्षकों की काउंसलिंग नहीं हो पाई। ०८ उमावि शिक्षक, ५४ माध्यमिक शिक्षकों प्रपत्र उत्कृष्ट प्राचार्य पीएस चौहान ने जमा कर लिए हैं। प्राथमिक की काउसलिंग सोमवार को ३ बजे से रखी है।
बच्चों को गोद में लिए भटकती रही महिला टीचर
उमस और बैठने के लिए पर्याप्त स्थान न होने तथा रिमझिम बरसात के चलते सबसे अधिक परेशानी का सामना दूर दराज से आई महिला शिक्षकों को करना पड़ा। करीब एक सैकड़ा से अधिक शिक्षिकाएं अधिकारियों केआने के इंतजार में भटकती रहीं। एक दर्जन से अधिक महिलाएं तो अपने दुधमुंहे बच्चें को गोद में लेकर आई थीं। 


शिक्षकों का दर्द
१.सुषमा शर्मा का तबादला शाउमावि विलाव से चंदूपुरा में किया गया है। पोर्टल पर उनकी ज्वाईनिंग दिखाई जा रही है लेकिन प्राचार्य कह रहे है कि पद ही रिक्त नहीं। सुषमा को होल्ड पर डाल दिया गया है।
२. राजगढ़ से तबादला होकर भिण्ड आई सुजातासिंह चौहान का तबादला प्राथमिक सलमपुर मौ में किया गया है लेकिन वहां पर पद ही रिक्त नहीं हैं।
३. रजनी का तबादला प्राथमिक शाला सुरूरू से न्यू अंबेडकर नगर बरासों क र दिया गया है। वहां भी स्थान रिक्त नहीं है।
४. नारायण त्रिपाठी का तबादला देवास से अटेर के प्राथमिक भगतुआ पुरा में किया गया है। संकुल प्राचार्य से त्रिपाठी को ज्वाईन भी करा दिया लेकिन अब कह रहे है पद रिक्त नहीं है।
इनका कहना है
होल्ड शिक्षकों की होगी पदस्थापना
अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति नियमित शिक्षक आने तक के लिए की गई है। इन पदों पर होल्ड शिक्षकों की पदस्थापना की जाएगी। एक प्रोफार्मा पर शिक्षकों से तीन शालाओ के विकल्प मांगे गए हैं। जहां तबादला किया है वहां पद रिक्त नहीं तो इन शालाओं में पदस्थापना की जाएगी।
- हरभुवन सिंह तोमर डीईओ भिण्ड 


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