ग्वालियर। शहर में स्थित एक बैंक प्रबंधन ने एक कारोबारी द्वारा कार लोन की सिक्योरिटी के अगेंस्ट जमा कराए गए ब्लैंक चेक का किसी दूसरे के लोन में गारंटर के रूप में इस्तेमाल कर 3 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की है। व्यापारी के पास रिकवरी का नोटिस पहुंचने पर उसने पुलिस में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया।
पुलिस के अनुसार भिंड जिले के मौ तहसील निवासी रामविलास सोनी ने पुराना हाईकोर्ट रोड स्थित यूको बैंक से 2012 में कार के लिए लोन लिया था। उन्होंने बैंक में खाता खोला। 17 अक्टूबर 2012 को बैंक ने उन्हें 20 चेक वाली चेक बुक इश्यू की, जिसमें से उन्होंने लोन के अगेंस्ट सिक्योरिटी के बतौर सात ब्लैंक चेक बैंक को दिए। सोनी ने 21 सितम्बर 2017 को लोन पटा दिया, लेकिन मांगने पर भी बैंक ने उन्हें उनके ब्लैंक चेक नहीं लौटाए। कुछ समय पहले उनके पास बैंक से 3 करोड़ की रिकवरी का नोटिस आया तो वे चौंक गए। जब उन्होंने बैंक से पता किया तो मालूम चला कि उनके छोटे भाई श्याम सुंदर सोनी और दूसरे भाई की पत्नी नीलम के नाम से गिर्राज वेयर हाउस है, जिस पर 3 करोड़ का लोन है और उसमें उनके चेकों का इस्तेमाल गारंटर के रूप में किया गया है। रामविलास सोनी ने इसे धोखाधड़ी माना और इंदरगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने रामविलास की शिकायत पर तत्कालीन मैनेजर के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।