जागरण,गुना। पितरों को विदा करने के बाद शुरू शारदीय नवरात्रि महोत्सव का सोमवार को परंपरागत समापन हो गया। हालांकि झांकी स्थलों पर सजाई गई माता की प्रतिमाओं का चल समारोह मंगलवार को दशहरे पर भी होगा। सोमवार को भी भंडारों और कन्याभोजों के बाद माता को विदाई दी गई। शहर के निचला बाजार हाट रोड पर लगी काली माता की भव्य प्रतिमा को समारोह पूर्वक विदा किया गया। इस मौके पर 64 खप्परों के साथ काली मां का भव्य चल समारोह निकाला गया।
पिछले नौ दिनों से जिलेभर में शारदीय नवरात्रि महोत्सव की धूम चलती रही। इस बार शहर में करीब ढाईसौ स्थलों पर झांकियां लगी और नौ दिन तक विभिन्न आयोजन संपन्न हुए। समापन दिवस पर सोमवार को सुबह पूजा-अर्चन, हवन-पूजन के बाद भंडारों और कन्याभोज का सिलसिला शुरू हुआ जो देर रात तक चलता रहा। दोपहर में खटीक समाज द्वारा 64 खप्परों के साथ मां काली की प्रतिमा का चल समारोह निकाला गया। प्रतिमा का सिंगवासा तालाब में विसर्जन किया गया।
प्राचीन देवी मंदिरों पर आस्था का सैलाब, मेले भी लगे
जिले के प्राचीन बजरंगगढ़ स्थित माता बीसभुजा देवी, बमोरी ब्लॉक के सिरसी जंगल में विराजमान माता निहाल देवी के दर्शनार्थ श्रद्धालुओं का सैलाब उत्सव के दौरान उमड़ता रहा। इस अवसर पर दोनों स्थलों पर मेले भी आयोजित किये गए। इनमें माता भक्तों ने मां दुर्गा के दर्शन तो किए ही अपने परिवार के साथ मेलों का भी आनंद लिया। इसी तरह जिला मुख्यालय में गायत्री शक्तिपीठ मंदिर, मालपुर स्थित गुफा मंदिर, केदारनाथधाम, मगराना में पहाड़ पर स्थित मां दुर्गा मंदिर, चांचौड़ा स्थित माता मंदिर आदि स्थानों पर नौ दिन तक आध्यात्मिक और धार्मिक बयार बहती रही। वहीं शहर में लगी झांकियों में एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी गई। इसमें बूढ़े बालाजी क्षेत्र में लगी मां वैष्णोंदेवी की झांकी सर्वाधिक आकर्षण का केन्द्र बनी रही। इन सभी स्थानों पर सोमवार को धार्मिक अनुष्ठानों के साथ कन्याभोज व भंडारें आयोजित किये गए।