कविता - मैं बेटी ही हूँ बेटा तुम्हारा
सुनों मम्मी पापा सुनों मेंरा कहना ,
. ना आँखो मैं एक पल भी आँसू है लाना ।
सदा मुस्कराना सदा मुस्कराना ,
सुनों मम्मी पापा सदा मुस्कराना ॥
मैं अभिमान तुम्हारा तू स्वाभिमान हमारा ।
सदा मान रखूंगी पापा तुम्हारा ,
तू पापा नहीँ परमेश्वर हमारा ।
सुनों जीवन दाता भाग्य विधाता ,
दिया जो ठिकाना तुमनें हमारा ,
वो ही पापा अब है संसार हमारा ।
सदा मान रखूँगी पापा तुम्हारा ।
तू पापा है सदा गुमान हमारा ।
मैं बेटी ही नहीँ हूँ बेटा तुम्हारा ॥
सदा मम्मी पापा मुझे याद रखना ।
मैं बेटी ही हूँ बेटा तुम्हारा ।
सुनों मम्मी पापा ये मेंरा है कहना ,
सदा मुस्कराना सदा मुस्कराना ॥
. कभी जब मिलनें का मन हो तुम्हारा ,
तो हल्के से पापा जरा मुस्कराना ।
पल मे ही पहुँचेगा संदेशा तुम्हारा ,
मैं पल पल हूँ पापा हमसाया तुम्हारा ।
मेरी रग रग मे है खून तुम्हारा ।
. मैं बेटी ही नहीँ हूँ बेटा तुम्हारा .॥
सदा मुस्कराना सदा मुस्कराना ।
सुनों मम्मी पापा सदा मुस्कराना ॥
निर्दोष लक्ष्य जैन
धनबाद