कोरोनाकाल में राहत / अमेरिका में संक्रमितों का इलाज कर रहीं डॉ. कृति ने कहा- यहां रोज 3 हजार मामले आ रहे, आपकी किस्मत अच्छी कि आप भारत में हैं
- डाॅ. कृति ने अहमदाबाद से एमबीबीएस किया है। इसके बाद चंडीगढ़ निवासी लवीश अग्रवाल से मुलाकात हुई। लवीश पहले से न्यूजर्सी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे। तीन साल पहले शादी के बाद डाॅ. कृति भी वहां चली गईं।
- डॉ. कृति ने कहा- ऐसे हालात में सभी अपने घरों में रहें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें
- उन्होंने बताया- अमेरिका में हालात ऐसे कि लोग घरों से बाहर निकलने से भी परहेज करने लगे
भीलवाड़ा. (अनिल चतुर्वेदी) डॉ. कृति अग्रवाल अमेरिका के न्यू जर्सी में कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज कर रही हैं। वे बताती हैं कि अमेरिका में हालात ऐसे हैं कि लोग घरों से बाहर निकलने से भी परहेज करने लगे हैं। अस्पतालों में आने वाले अधिकांश रोगी कोरोना पीड़ित हैं। तमाम संसाधनों और आधुनिक सुविधाएं होने के बाद भी काफी लोगों की जान नहीं बच पाती हैं। ऐसे में यहां के डॉक्टर 18 से 20 घंटे मरीजों की सेवा में जुटे हुए हैं, ताकि उनकी जान बचाई जा सके।
डॉ. कृति के अनुसार, कोरोना से पीड़ित रोगियों की संख्या बढ़ रही है। केवल न्यू जर्सी में ही रोजाना तीन से साढ़े तीन हजार नए कोरोना रोगी सामने आ रहे हैं। तमाम कोशिशों के बाद भी सैकड़ों लोगों की जान जा रही है। वे बताती हैं कि जो ड्यूटी पर हैं, उन पर हमेशा खतरा बना रहता है, लेकिन इसके बाद भी सभी वहां जी-जान से जुटे हुए हैं और यही कोशिश कर रहे हैं कि इसे फैलने से रोकें और लोगों की जान बचाएं।
आपकी किस्मत अच्छी है कि आप भारत में हैं
डॉ. कृति ने कहा- खुशकिस्मत हैं कि आप भारत में रह रहे हैं। वहां हालात काफी नियंत्रण में हैं। फिर भी ऐसे हालात में सभी अपने घरों में रहें और काेराेना काे हराएं। सोशल डिस्टेंसिंग काे पूरी गंभीरता से लें और इसका पालन करें। वहीं, कृति के पिता मुकेश अग्रवाल का कहना है कि जब भी बेटी से बात होती है तो अमेरिका की स्थिति देखकर चिंता होती है, लेकिन हर बार बेटी हम सबको अपना ध्यान रखने एवं घर से बाहर न निकलने की हिदायत जरूर देती है।
अहमदाबाद से एमबीबीएस किया, चंडीगढ़ में शादी
डाॅ. कृति ने अहमदाबाद से एमबीबीएस किया है। इसके बाद चंडीगढ़ निवासी लवीश अग्रवाल से मुलाकात हुई। लवीश पहले से न्यूजर्सी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे। तीन साल पहले शादी के बाद डाॅ. कृति भी वहां चली गईं। इसके बाद उन्होंने वहां एक साल मेडिकल ऑफिसर का अतिरिक्त कोर्स किया।