क्या हर बार त्याग के लिये कर्मचारी ही मिलता है क्या यही वर्ग नही है जिसे अपने बढे हुये वेतनमान, DA के लिये हमेशा संघर्ष आंदोलन नही करने ही पड़े हो क्यों क्या जब सरकार वेतन भत्ते बढ़ाती है तो यथासमय इस वर्ग के क्यो नही बढ़ जाते हैं इन्हें हर बार माँगने क्यो पड़ते हैं और अब DA की बात आई तो रोक दिया .. *क्या कभी आपने किसी सांसद, विधायक मंन्त्री को वेतन भत्तों के लिये आंदोलन करते देखा सुना है किसी आईएएस को सुना है* क्योकि इन्होंने पूरे अधिकार अपने पास ही सुरक्षित कर लिए हैं तभी तो जब मर्जी होती है ये आपस मे मिलकर स्वयं का वेतन भत्ता बेहताशा बढ़ा लेते हैं सारी सुविधाएं मुफ्त में लेते ही हैं *आईएएस अर्थात व्यरोक्रेट्स तो वेतन तो लाखों में लेते ही हैं अनेक मुफ्त की सुविधाएं साथ ही इनकी संतानों की पढ़ाई मुफ्त किताबे यहाँ तक बेग तक फ्री मिलता है क्या यह वर्ग इतना गरीब हैं कि इन्हें सब मुफ्त का चाहिए* ? यही दुर्भाग्य है कि हमारे ही कुछ बुद्धिमान यह कहें कि वेतन तो मिल रहा है DA बाद में ले लेंगे तो बहुत दुख होता है महोदय जबकि होना यह चाहिए कि इस बार सभी कर्मचारी संगठनों को एकमत होकर एक सूत्रीय पहल करनी होगी कि *भारत के राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मन्त्री सांसदों, विधायकों, आदि को सरकारी खजाने से मिल रहे वेतन पर 2 वर्ष के लिए पूरी तरह रोक लगे,* साथ ही व्यरोक्रेट्स को मुफ्त मिलने बाली सारी सुविधाओं पर तत्काल रोक लगना चाहिए क्योकि इन्हें तनखा 2 से 3 लाख प्रतिमाह मिलती है इसके बाद बंगला, गाड़ी नोकर चाकर, इनके बच्चों की फीस मुफ्त बेग मुफ्त किताबे मुफ्त चाय पत्ती मुफ्त शकर मुफ्त क्या नही मिलता इन्हें क्या इनकी जिम्मेदारी नही हैं कि ये कम से कम ये मुफ्त की सुविधाएं ही छोड़ दें और ये आदरणीय नेता मुफ्त की सभी सुविधाएं छोड़ दें इसी से अरबो रुपये भारत सरकार के खजाने में जमा हो सकेगे एवं छोटे अधिकारी एवं कर्मचारी मुसीबत से बच सकेंगे।
बलवन्त सिंह रघुवंशी
महामंत्री निगम मण्डल अधिकारी/कर्मचारी समन्वय महासंघ मध्यप्रदेश
मो 9406528044