लॉकडाउन में फंसे पति-बेटा, भाभी ने ननद को दी मुखाग्नि


 इंदौर। इंदौर में रह रही शिक्षिका का बेटा और पति लॉकडाउन के कारण उमरिया में फंस गए हैं। इस बीच इंदौर में शिक्षिका की ननद का निधन हो गया। ऐसे में उन्होंने ही अंतिम क्रिया का इंतजाम किया और मुखाग्नि दी। सुदामा नगर के ई सेक्टर में रहने वाली चेतना पाठक शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिरपुर में शिक्षक हैं, वे दिव्यांग भी हैं। इंदौर में चेतना के साथ उनकी ननद आशा पाठक रह रही थीं। वे आठ माह पहले ही यहां आई थीं। बीमारी की वजह से शुक्रवार को उनका निधन हो गया।
फल नहीं होने से सिर्फ ग्लूकोज ही लेती रहीं
चेतना के मुताबिक उनकी ननद पहले से ही बीमार और कमजोर थीं। अन्न ज्यादा खा नहीं पाती थी, इसलिए फल ही देते थे। लॉकडाउन के कारण फल नहीं मिल रहे थे तो वे ग्लूकोज पर थीं। शुक्रवार सुबह घर में उन्होंने टीवी पर रामायण देखी और बातचीत भी की। इसके बाद वे अचेत हो गई। मैंने पड़ोसियों व पास के क्लीनिक के डॉक्टर को बुलाया तो उन्होंने बताया कि उनका निधन हो गया है। मेरी दूसरी ननद का परिवार आया और जैसे-तैसे शव वाहन की व्यवस्था हुई। लॉकडाउन के बीच इंतजार नहीं कर सकती थी, इसलिए मैंने ही मुखाग्नि दी।
इंदौर प्रशासन सहयोग करे तो आ सकता है शिक्षिका का पति
चेतना के मुताबिक उनके पति उमरिया जिले के गदरोड़ी गांव के प्राइमरी स्कूल में शिक्षक हैं। वे होली पर घर आए थे तो अपने साथ आठ साल के बेटे को ले गए। उनकी इंदौर आने की तैयारी चल ही रही थी कि लॉकडाउन हो गया। अब वे चाहती हैं कि ऐसे समय में पति व बेटा इंदौर आ जाएं। पति उमरिया में इंदौर आने की अनुमति लेने का प्रयास भी कर रहे हैं, लेकिन अभी तक नहीं मिली। वे चाहती हैं कि इंदौर जिला प्रशासन के अफसर भी उनके पति को इंदौर लाने में सहयोग करें। चेतना का कहना है कि उनके पति ने इंदौर में ट्रांसफर मांगा था, फिर भी नहीं किया गया।


 


Popular posts