सिर्फ लॉकडाउन काफी नहीं, अप्रैल के आखिरी दिनों में प्रचंड रूप दिखा सकता है कोरोना


- पब्लिक हेल्‍थ फाउंडेशन और इंडिया (PHFI) प्रेसिडेंट के. श्रीनाथ रेड्डी के मुताबिक, भारत में कोरोना वायरस का प्रकोप अप्रैल के आखिरी दिनों में पीक पर पहुंच सकता है।


फैक्ट पाइल : 


    कोरोना वायरस मामलों की संख्‍या 10 हजार के पास, 339 से ज्‍यादा मौतें
    PHFI प्रेसिडेंट का दावा, अप्रैल के आखिरी दिनों में पीक पर पहुंच सकता है कोरोना
    लॉकडाउन से ट्रांसमिशन की स्‍पीड तो गिरी मगर खतरा अब भी बरकरार
    जिलों में सर्विलांस को मजबूत करना होगा, लॉकडाउन धीमे-धीमे हटाने की जरूरत


नई दिल्‍ली भारत में कोरोना वायरस के 10 हजार से ज्‍यादा मामले हो गए हैं। कुछ जगह मामले सामने आने की फ्रीक्‍वेंसी घटी है। ऐसा कहा जाने लगा है कि शायद हम कोरोना को काबू करने की दिशा में बढ़ रहे हैं। हालांकि, वर्ल्‍ड हेल्‍थ ऑर्गनाइजेशन के नेतृत्‍व में Covid-19 पर ट्रायल करने वाली स्‍टीयरिंग कमेटी के एक्‍जीक्‍यूटिव ग्रुप के सदस्‍य के. श्रीनाथ रेड्डी की राय इससे अलग है। वह PHFI के प्रमुख हैं। उन्‍होंने ये जरूर कहा कि हमने कोरोना वायरस कर्व को ऊपर जाने के रेट में जरूर कमी लाई है। मगर उनका कहना है कि वायरस से इन्‍फेक्‍ट होने, क्लिनिक तक पहुंचने और डायग्‍नोसिस में देरी के चलते, अप्रैल के आखिरी दिनों में इस वायरस के मामले सबसे ज्‍यादा होंगे।


कम्‍युनिटी ट्रांसमिशन शुरू हुआ या नहीं?
रेड्डी के मुताबिक, कोरोना वायरस से प्रभावित हर देश ने कम्‍युनिटी ट्रांसमिशन का दौर देखा है। हम इसके प्रभाव को कम से कम करने की कोशिश कर सकते हैं और करनी चाहिए। अभी हालात कम्‍युनिटी ट्रांसमिशन वाले हैं या नहीं, ये मल्‍टीपल डेटा सोर्सेज से मिली इन्‍फॉर्मेशन के एनालिसिस के बाद ही तय हो सकता है। हेल्‍थ मिनिस्‍ट्री ये सब जानकारी जुटाकर एनालिसिस कर रही है।



लॉकडाउन: मोदी ने बताया, 20 अप्रैल से कहां मिलेगी छूट
लॉकडाउन: मोदी ने बताया, 20 अप्रैल से कहां मिलेगी छूट3 मई तक देशभर में लॉकडाउन बढ़ाने का ऐलान करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने बताया कि एक सप्ताह की सख्ती के बाद 20 अप्रैल से कुछ जगहों पर छूट दी जा सकती है, लेकिन उसके लिए कुछ शर्तें होंगी।


जिलों के हिसाब से सर्विलांस की जरूरत
PHFI चीफ ने कहा कि लॉकडाउन के कई फायदे हुए। इससे ट्रांसमिशन की गति धीमी करने की जरूरत फौरन पूरी हुई। मगर खाली इससे वायरस चैन नहीं टूट सकती। लॉकडाउन ने अचानक मामले बढ़ने से रोक दिया वर्ना हम सब घबरा जाते। रेड्डी ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से देश के पब्लिक हेल्‍थ, हेल्‍थकेयर और सोशल सिस्‍टम को तैयारी का समय मिल गया। लॉकडाउन को धीमे-धीमे हटाना होगा। जिलेवार सर्विलांस को मजबूत करने की जरूरत है।


भारत में वायरस कम खतरनाक है?
रेड्डी के मुताबिक, जब एक नस्‍ल से दूसरी नस्‍ल में वायरस जाता है तो वो म्‍यूटेट होता है। भारत में वायरस स्‍ट्रेन के सरफेस पर छोटे से स्‍ट्रक्‍चरल बदलाव जरूर मालूम पड़ते हैं मगर इसके सबूत नहीं है कि इससे वायरस का जहरीलापन कम हुआ है। हमें इसका पता इन्‍फेक्‍टेड व्‍यक्तियों और मौतों से जुड़ा और डेटा मिलने पर लगेगा। उन्‍होंने कहा कि अभी तक WHO और ICMR (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) यही मानते हैं कि भारत में इस वायरस ने अपना व्‍यवहार नहीं बदला है। 


 


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