अब विश्व का भी स्वास्थ्य वर्धन करेगें भारत के डॉ. हर्ष वर्धन
- गोपेन्द्र नाथ भट्ट -
भारत के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने 22 मई को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष का कार्यभार संभाल लिया । उन्होंने जापान के डॉ. हीरोकि नाकातानी का स्थानलिया है, जो डब्ल्यूएचओ के 34 तकनीकी सदस्यों के बोर्ड के मौजूदा अध्यक्ष थे । डॉ. हर्ष वर्धन विश्व स्वास्थ्यसंगठन के कार्यकारी बोर्ड के वर्ष 202021 के लिए अध्यक्ष निर्वाचित किए गए है । कार्यकारी बोर्ड के 147वेंसत्र की एक वचुर्अल बैठक में उन्हें निर्वाचित किया गया।
इस नए दायित्व के बाद भारत पर विशेष कर डॉ. हर्ष वर्धन के कन्धों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी आ गई है चूँकि वेऐसे समय डब्ल्यूएचओ के कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष बने है जब सारी दुनिया कोविड19 की वैश्विक माहामारीके दौर से गुजर रही है। देश दुनिया में हालात बहुत कठिनाइयों और विषमता से भरे हुए हैं । कोरोना से मुक्तिके लिए भारत सहित विश्व के कई देश वैक्सीन और दवाई खोजने के साथ इस जानलेवा वायरस की उत्पत्तिके लिए ज़िम्मेदार कारणों की खोज में भी जुटे हैं।
डॉ हर्ष वर्धन पूर्व में भी विश्व स्वास्थ्य संगठन के पोलियो उन्मूलन पर महत्वपूर्ण विशेषज्ञ सलाहकार समूह औरवैश्विक टेक्नीकल परामर्श समूह जैसी कई प्रतिष्ठित समितियों के सदस्य रहे हैं। उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठनके सलाहकार के रूप में भी कार्य किया है।
डॉ. हर्ष वर्धन के पास भारत और दक्षिणी एशिया में पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम को सफल बनाने के साथ ही पर्यावरण की रक्षा के लिए एक बड़े नागरिक अभियान 'ग्रीन गुड डीड्स' की शुरुआत करने और स्वयं के एकवरिष्ठ चिकित्सक होने का व्यापक अनुभव है । इससे विश्व को उनके द्वारा इस महत्वपूर्ण पद पर रहते हुएऔर भी बेहतर परिणाम देने का विश्वास है। डा. हर्ष वर्धन निश्चित ही इस परीक्षा में खरे उतरेंगे और दुनियाको कोरोना मुक्त करने में भारत की भूमिका को एक नई प्रतिष्ठा दिलायेंगे,इसमें तनिक भी सन्देह नहीं है। वेकर्मठ व्यक्ति है और अपनी नई जिम्मेदारी को निभाने में सक्षम है। उन्हें पोलियो ईरेडिकेशन चेंपियन अवार्डप्रदान भी किया जा चुका है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रोटरी इंटरनेशनल के एक कार्यक्रम मेंइसके लिए उन्हें ‘स्वास्थ्य वर्धन’ नाम से विभूषित किया था।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का गठन संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक स्वास्थ्य संगठन के तौर पर हुआ था। इसका उद्देश्यवैश्विक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना है, अति संवेदनशील या कमजोर देशों में संक्रमित बीमारियों को फैलने सेरोकने तथा इसके प्रबन्धन में सक्रिय सहयोग देना इस संगठन का काम है। प्लेग, हैजा, पीला बुखार जैसी कईबीमारियों के खिलाफ लड़ने के लिए इस संगठन ने अहम भूमिका निभाई है। अब सबसे बड़ी अनसुलझी पहेली कोविड 19 की चुनौती इसके समक्ष खड़ी है।जहां तक भारत का प्रश्न है, कोरोना महामारी से बचाव के लिएप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में केन्द्रीय स्वास्थ्य मन्त्रालय ने अन्य मन्त्रालयों और राज्य सरकारों केसाथ मिल काए समय रहते कारगर उपाय किए हैं । जिससे अन्य देशों के मुकाबले भारत में कम व्यक्तियों कीमृत्यु हुई है और संक्रमण की संख्या भी नियंत्रण में रही हैं।
डॉ हर्ष वर्धन भारतीय राजनीति के कर्मठ और जुझारू नेता हैं । उनकी गिनती भारत के सज्जन और सुसंस्कृतजननेता की है और अब वे विश्व के स्वास्थ्य नायक बनने की ओर अग्रसर है। चिकित्सा-विशेषज्ञ और कुशलप्रशासक होने के साथ-साथ उन्होंने एक प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ के रूप में भी देश का गौरव बढ़ाया है।