कोटा से छात्रों की वापसी / राजस्थान ने यूपी को बसों का 36 लाख रु. बिल भेजा, मायावती ने कहा- इससे गहलोत सरकार की कंगाली और अमानवीयता दिखी

कोटा से छात्रों की वापसी / राजस्थान ने यूपी को बसों का 36 लाख रु. बिल भेजा, मायावती ने कहा- इससे गहलोत सरकार की कंगाली और अमानवीयता दिखी





राजस्थान सरकार के बिल भेजने पर यूपी के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि रकम तो पहले ही चुकता कर दी गई।






  • राजस्थान रोडवेज ने कोटा में फंसे यूपी के छात्रों को 70 बसों से उत्तर प्रदेश पहुंचाया था, उसी का बिल भेजा गया

  • राजस्थान सरकार की बसें जब छात्रों को लेने कोटा पहुंची थी, तभी डीजल के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से 19 लाख रुपए भी लिए गए


लखनऊ. उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरे देश में लॉकडाउन के बीच प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्य में भेजने की कोशिश जारी हैं। इस पर लगातार सियासत भी हो रही है। अब राजस्थान सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार को 36.36 लाख रुपए का बिल भेज दिया। ये बिल उन छात्रों के नाम से भेजा गया है, जिन्हें राजस्थान परिवहन निगम की बसों द्वारा कोटा (राजस्थान) से यूपी छोड़ा गया था। बिल पर यूपी के डिप्टी सीएम ने मोर्चा संभालते हुए कहा कि इसे तो पहले ही चुकता कर दिया गया है।


राजस्थान सरकार ने बसों का बिल भेज कर कहा कि यूपी सरकार इसका तुरंत भुगतान करे। राजस्थान सरकार ने कहा कि राज्य पथ परिवहन निगम ने कोटा में फंसे यूपी के छात्रों के लिए 70 बसें उपलब्ध कराई थीं। इसमें 36 लाख 36 हजार 664 रुपए का खर्च आया। हालांकि, राजस्थान सरकार की बसें जब छात्रों को लेने कोटा पहुंची थी, तभी डीजल के लिए यूपी सरकार से 19 लाख रुपए ले लिए थे, इसके बावजूद फिर से भारी भरकम बिल भेजा गया।


यूपी के डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा की राजस्थान के दावे पर सफाई यूपी के उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सफाई दी कि कोटा से बच्चों को वापस लाने के लिए राजस्थान सरकार ने बसों के लिए डीजल उपलब्ध करवाया था, जिसके एवज में उन्हें 5 मई को ही 19 लाख का भुगतान किया गया था। 8 मई को यूपी सरकार से 36 लाख रुपए की मांग राजस्थान सरकार ने की, जिसका भुगतान भी यूपी सरकार ने कर दिया।


कोटा में फंसे छात्रों को वापस लायी थी योगी सरकार
कोटा राजस्थान में उत्तर प्रदेश के करीब 12,000 छात्र लाकडाउन में फंस गए थे। जिन्हें उत्तर प्रदेश सरकार ने घर पहुंचाया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने 560 बसें भेजी थीं। सरकार को उम्मीद थी कि इतनी बसों से बच्चों की वापसी हो जाएगी। पर बच्चों की संख्या अधिक थी। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार ने राजस्थान सरकार से अनुरोध किया कि अपनी कुछ बसों से बचे हुए बच्चों को प्रदेश की सीमा स्थित फतेहपुर सीकरी और झांसी तक पहुंचा दें। वहां से हम इनको घर भेजने की व्यवस्था कर लेंगे। इस पर राजस्थान सरकार ने 70 बसों का इंतजाम किया था। 


संबित पात्रा ने कहा- 19 लाख पहले दे चुके
इस पूरे मामले में भाजपा नेता संबित पात्रा ने लिखा, 'कोटा से उत्तर प्रदेश के छात्रों को वापस लाते समय यूपी की कुछ बसों को डीजल की आवश्यकता पड़ गई ..दया छोड़िए ..आधी रात को दफ्तर खुलवा कर प्रियंका वाड्रा की राजस्थान सरकार ने यूपी सरकार से पहले 19 लाख रुपए लिए और उसके बाद बसों को रवाना होने दिया, वाह रे मदद।'


प्रियंका ने भी बसें भेजने का दावा किया था


लॉकडाउन के चौथे चरण में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रवासी मजदूरों के लिए 1000 बसों को यूपी बार्डर पर भेजने का दावा किया था। हालांकि, बाद में यूपी सरकार ने प्रियंका के इस दावे को गलत बताते हुए कहा था कि कांग्रेस ने जो बसों के नाम पर जो नंबर उपलब्ध करवाएं हैं उनमें कई नम्बर आटो रिक्शा, एम्बुलेंस और स्कूटर के निकले थे।



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