मंगल से शनि के अलग होने पर सात के बाद मिलेगी कोरोना से राहत
कोरोना वायरस सितंबर तक बनेगी वैक्सीन
भोपाल
मंगल से शनि के अलग होने पर सात मई के बाद कोरोना से राहत मिलने लगेगी। कोरोना वायरस की वैक्सीन सितंबर तक बनकर तैयार होगी। यह कहना बगलामुखी माई के साधक एवं एस्ट्रोलोजर डा. विमल गुरुजी का। उन्होंने अपने ज्योतिषीय विश्लेषण में स्पष्ट किया है कि कोरोना वायरस के कारण जो महामारी फैल रही है, उसके लिए दिसंबर 2019 का सूर्य ग्रहण, राहु का वायु नक्षत्र में होना और गुरु केतु की धनु राशि में युति होने के साथ अन्य कई और ग्रह-नक्षत्रों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। खगोलविदों ने फरवरी 2020 में अंतरिक्ष में हुए महा विस्फोट को उजागर किया था। विज्ञान भी यह प्रमाणित कर चुका है कि जब भी अंतरिक्ष में विस्फोट होंगे, तब धरती पर महमारी फैलेगी व उपद्रव होंगे। इस दुखद योग के साथ में सूर्य ग्रहण के समय धनु राशि में 6 ग्रहों की युति ने भी दुनिया में तबाही मचा दी। डा. विमल गुरुजी ने बताया की इतिहास इस बात का साक्षी है कि हर सौ वर्ष में महामारी फैलती है और लाखों मौतें होती हैैं। 1720 में मार्सिले का प्लेग,1820 में हैजा,1920 में स्पैनिस फ्लू और 2020 में कोरोना से महामारी फैल रही है। इनके अनुसंधान में यह भी बताया गया है की जब भी महामारी फैली है, तब तब ग्रह नक्षत्रों की स्थिति भी एक जैसी रही है। ग्रह-नक्षत्रों की बदलती भूमिका के कारण इसकी दर में कमी आई है। डा. विमल का कहना है कि 7 मई को जब मंगल, शनि से अलग हो जाएंगे, तब हमें कुछ राहत मिलेगी। लेकिन जब तक राहु अपने नक्षत्र में रहेंगे, तब तक इसकी चिंता करनी चाहिए। 15 सितंबर को राहु जब वृषभ राशि में आ जाएंगे, तो परिस्थितियां सामान्य होगी। सितंबर के अंतिम सप्ताह तक इसकी वैक्सीन बनने के प्रबल योग है।
कोरोना वायरस सितंबर तक बनेगी वैक्सीन
भोपाल
मंगल से शनि के अलग होने पर सात मई के बाद कोरोना से राहत मिलने लगेगी। कोरोना वायरस की वैक्सीन सितंबर तक बनकर तैयार होगी। यह कहना बगलामुखी माई के साधक एवं एस्ट्रोलोजर डा. विमल गुरुजी का। उन्होंने अपने ज्योतिषीय विश्लेषण में स्पष्ट किया है कि कोरोना वायरस के कारण जो महामारी फैल रही है, उसके लिए दिसंबर 2019 का सूर्य ग्रहण, राहु का वायु नक्षत्र में होना और गुरु केतु की धनु राशि में युति होने के साथ अन्य कई और ग्रह-नक्षत्रों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। खगोलविदों ने फरवरी 2020 में अंतरिक्ष में हुए महा विस्फोट को उजागर किया था। विज्ञान भी यह प्रमाणित कर चुका है कि जब भी अंतरिक्ष में विस्फोट होंगे, तब धरती पर महमारी फैलेगी व उपद्रव होंगे। इस दुखद योग के साथ में सूर्य ग्रहण के समय धनु राशि में 6 ग्रहों की युति ने भी दुनिया में तबाही मचा दी। डा. विमल गुरुजी ने बताया की इतिहास इस बात का साक्षी है कि हर सौ वर्ष में महामारी फैलती है और लाखों मौतें होती हैैं। 1720 में मार्सिले का प्लेग,1820 में हैजा,1920 में स्पैनिस फ्लू और 2020 में कोरोना से महामारी फैल रही है। इनके अनुसंधान में यह भी बताया गया है की जब भी महामारी फैली है, तब तब ग्रह नक्षत्रों की स्थिति भी एक जैसी रही है। ग्रह-नक्षत्रों की बदलती भूमिका के कारण इसकी दर में कमी आई है। डा. विमल का कहना है कि 7 मई को जब मंगल, शनि से अलग हो जाएंगे, तब हमें कुछ राहत मिलेगी। लेकिन जब तक राहु अपने नक्षत्र में रहेंगे, तब तक इसकी चिंता करनी चाहिए। 15 सितंबर को राहु जब वृषभ राशि में आ जाएंगे, तो परिस्थितियां सामान्य होगी। सितंबर के अंतिम सप्ताह तक इसकी वैक्सीन बनने के प्रबल योग है।