भोपाल .मध्यप्रदेश के 4.50 लाख शासकीय कर्मचारियों को सातवे वेतनमान के निर्धारण के फलस्वरूप 18 माह के बढे हुए वेतन के एरियर्स की तीसरी किश्त मई 2020 में मिलनी है। शासकीय कार्यालयों में आहरण एवं संवितरण अधिकारियों ने कोषालय के एकीकृत वित्तीय प्रबंधन प्रणाली के आईएफएमएस पोर्टल पर एरियर्सस की तीसरी किश्त के बिल लगाने का प्रयास किया तो पोर्टल पर बिल जनरेट नही हुए बल्कि सुविधा उपलब्ध नही है का संदेश आने लगा जिससे प्रदेश के 4.50 लाख कर्मचारियों के एरियर्स की राशि लटक गई है और सरकार 1500 करोड के भुगतान से बचती नजर आ रही है। एरियर्स की किश्त न मिलने से कर्मचारियों को 15 हजार से 50 हजार रूपये तक का आर्थिक नुकसान होगा. प्रदेश में राज्य सरकार के कर्मचारियों को सातवां वेतनमान के अंतर्गत पुनरीक्षित बडे हुए वेतन का लाभ एक जनवरी 2016 से दिया गया है और इसका नगद भुगतान एक जुलाई 2017 से किया गया। जनवरी 2016 से जून 2017 तक कुल 18 माह का एरियर्स कर्मचारियों को तीन समान वार्षिक किश्तों में जो मई 2018, मई 2019 एवं मई 2020 में देने का निर्णय लिया गया । प्रदेश के कर्मचारियों को मई 2018 की प्रथम किश्त एवं मई 2019 की दूसरी किश्त प्राप्त हो चुकी है। मई 2020 में ऐरियर्स की तीसरी किश्त मिलनी है। राज्य शासन ने तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को एरियर्सस का 50 प्रतिशत नकद एवं 50 प्रतिशत सामान्य भविष्य निधि खातें में जमा करने एवं प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों का 100 प्रतिशत एरियर्स की राशि सामान्य भविष्य निधि खाते में जमा करने का निर्णय लिया था । मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के महामंत्री लक्ष्मीनारायण शर्मा ने मुख्य मंत्री एवं मुख्य सचिव को पत्र प्रेषित कर मांग की है कि प्रदेश के 4.50 लाख कर्मचारियों को सातवें वेतन निर्धारण के उपरांत बढे हुए वेतन के एरियर्स की तीसरी किश्त का भुगतान शीघ्र किया जाये। प्रदेश के कर्मचारी मंहगाई भत्ता के स्थगित होने से पहले ही मंहगाई की मार झेल रहे हैं।
प्रदेश के 4.50 लाख कर्मचारियों के एरियर्स की राशि लटक गई है