सिंधिया समर्थक को मंत्री बनने करना होगा इंतजार, इधर BJP नेताओं मे बढी बैचेनी
दरअसल, जब Shivraj Singh ने 21 अप्रैल को पांच मंत्रियों को शपथ दिलायी तो ये तय हुआ था कि लॉकडाउन-2 खत्म होते ही बड़े स्तर पर मंत्रिमंडल का विस्तार कर मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी, लेकिन लॉकडाउन आगे बढ़ गया और इस तरह मंत्रिमंडल के विस्तार की बात भी आगे बढ़ा दी गई। पहले कहा जा रहा था कि 6 मई के आसपास मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है, इन बातों तो तब बल मिला था जब जब एक मई को मुख्यमंत्री शिवराज राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात करने पहुंचे थे, वही नेताओं बयानबाजी और लॉबिंग भी इसको हवा देती रही लेकिन प्रदेश की स्थिति और अंदरखानों में मची खींचतान को देखते हुए इस आगे बढ़ा दिया गया है।वही सिंधिया समर्थकों के लगातार सीएम शिवराज और प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा से मुलाकात का सिलासिला भी जारी है।सुत्रों की माने तो मुख्यमंत्री इस विस्तार में कुछ पद 24 सीटों के उप चुनाव के नतीजे आने तक के लिए खाली रखने पर विचार कर रहे हैं। वे 22 से 24 मंत्री व राज्यमंत्री बना सकते हैं। फिलहाल संगठन प्रदेश कार्यसमिति के गठन और जिलाध्यक्षों की नियुक्ति कर सकता है।
सिंधिया समर्थकों ने की शिवराज और वीडी से मुलाकात
इधर जैसे ही मंत्रिमंडल की सुगबुगाहट तेज हुई तो सिंधिया समर्थकों ने मुख्यमंत्री शिवराज और प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा से मुलाकात करने का सिलसिला शुरु हो गया।बुधवार-गुरुवार को लगातार नेताओं की बड़े नेताओं से मुलाकात जारी रही। महेंद्र सिंह सिसोदिया, इमरती देवी, रघुराज सिंह कंषाना और एदल सिंह कंषाना ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा से मुलाकात की।यहां तक की गृहमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा खुद गुरुवार को इमरती देवी से मिलने उनके बंगले पर पहुंचे थे।
बीजेपी में नेताओं के लिए लॉबिंग
वही माना जा रहा है कि 15 बीजेपी नेताओं को कैबिनेट में शामिल किया जाएगा। इनमें भूपेन्द्र सिंह, गोपाल भार्गव, अरविंद भदौरिया,नीना वर्मा, केदार शुक्ला, संजय पाठक और विश्वास सारंग के नामों की चर्चा है।वही चर्चा इस बात की भी है कि शिवराज विरोधियों की चाह है कि कैबिनेट में शिवराज समर्थक पूर्व मंत्रियों को जगह ना मिले, इसके लिए कई बीजेपी के दिग्गज नेता लामबंद हो गए है औऱ लॉबिंग कर रहे है।हालांकि कई बड़े नेता कैबिनेट में शामिल होने भाग-दौड़ में लगे हुए है। कोई संघ की चौखल पर है तो कोई हाईकमान के संपर्क में। ऐसे में जमकर नेताओं के बीच खींचतान और रस्साकसी जारी है। अब देखना दिलचस्प होगा कि किन बीजेपी नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह मिलती है और किनके अरमानों पर पानी फिरता है।
सिंधिया के दखल से तय होगा शिवराज का कुनबा
आने वाले दिनों में शिवराज का कुनबा सिंधिया के दखल से पूरा होगा। इस बात की झलक पहले और मिनी मंत्रिमंडल में साफ देखने को मिली। जब बीजेपी के तीन नेताओं के साथ सिंधिया समर्थकों तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को मंत्री बनाया गया।माना है कि आगे भी कैबिनेट में किसे जगह देना है और नही इसका पूरा अधिकार महाराज के हाथ में रहेगा। अगर 22 में से 10 भी शिवराज कैबिनेट में मंत्री बनते है तो महाराज का दखल बढ़ेगा।ऐसे में बीजेपी और मुख्यमंत्री शिवराज को तालमेल बैठाना बड़ी चुनौती होगा।सिंधिया समर्थकों में से इमरती देवी, प्रभुराम चौधरी, प्रदुम्न सिंह तोमर को तो मंत्रिमंडल में जगह मिलना तय माना जा रहा है।
मंत्रिमंडल के बीच महाराज को केन्द्रीय मंत्री बनाने की उठी मांग
इधर विस्तार की अटकलों के बीच सिंधिया समर्थक गोविंद राजपूत ने सिंधिया को केन्द्रीय मंत्री बनाने की मांग उठाकर सियासी गलियारों में हलचल पैदा कर दी है। हालांकि बीजेपी के दिग्गज नेता और केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल ने साफ कर दिया है कि भाजपा में इस तरह की परंपरा नहीं है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि गोविंद सिंह ने मांग की है तो हाईकमान तक जरूर पहुंचेगी । लेकिन इसके साथ ही प्रहलाद पटेल ने यह भी कह दिया उनके यहां इस प्रकार की परंपरा नहीं है।राजपूत के बयान से साफ जाहिर हो रहा है कि कमलनाथ सरकार गिराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सिंधिया को उनके समर्थक सिर्फ राज्यसभा उम्मीदवार ही नही बल्कि मोदी कैबिनेट में भी जगह दिलवाने की चाह रख रहे है, लेकिन पटेल के बयान ने अप्रत्यक्ष तौर पर उन्हें आईना दिखा दिया है।